नमस्ते! Makar sankranti in hindi के इस आर्टिकल में आप सभी का में तहे दिल से स्वागत करता हूँ.
इस आर्टिकल के माध्यम से में आपको मकर संक्राति से जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में बताऊंगा जैसे की मकर संक्रांति कब है 2017 में और मकर संक्रांति का महत्व क्या है.
मकर संक्रांति निबंध को शुरू करने से पहले में आपको यह बता देता हूँ की २०१७ में मकर संक्रांति कब है. भारत देश में मकर संक्रांति 14 जनवरी 2017 को है.
वैसे इस makar sankranti festival के उपर मैंने पहले से ही एक और आर्टिकल लिखा हुआ है जिसमे मैंने मकर संक्रांति के उपर शायरी, विशेस और इमेजेज शेयर करी है और उस आर्टिकल को काफी सारे लोगो ने भी पसन्द करा है.
अगर आपको अपने परिवार वालो को मकर संक्रांति की बधाई देनी है या फिर इमेज डाउनलोड करनी है तो आप नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हो.
- हैप्पी Makar Sankranti wishes 2017 | मकर संक्रांति SMS हिन्दी और इंग्लिश लैंग्वेज
- मकर संक्रांति के दिन भूलकर भी न करे ये 4 काम वरना आपके जीवन में हो सकती है प्रॉब्लम
अब आते है essay के उपर जो इस प्रकार है:-
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Makar Sankranti in hindi | Makar sankranti essay in hindi
मकर संक्रांति हिन्दू घर्म का प्रमुख त्यौहार है. यह पर्व पूरे भारत में किसी न किसी रूप से मनाया जाता है. पोष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तब इस संक्रांति को मनाया जाता है.
यह त्यौहार अधिकतर जनवरी माह की चौदह तारीख को मनाया जाता है. कभी-कभी यह त्यौहार बारह, तेरह या पन्द्रह को भी हो सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है की सूर्य कब धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है.
मकर संक्रांति से कई पौराणिक कथाएं जुडी हुई हैं |
कहा जाता है कि इस दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उसके घर जाया करते है. शनिदेव चूंकि मकर राशि के स्वामी हैं, अंत: इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है.
मकर संक्रांति के दिन ही गंगाजी भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा उनसे मिली थी| यह भी कहा जाता है की गंगा को धरती पर लाने वाले महाराज भागीरथ ने अपने पूर्वजों के लिए इस दिन तर्पण किया था.
उनका तर्पण स्वीकार करने के बाद इस दिन गंगा समुंद्र में जाकर मिल गई थी. इसलिए मकर संक्रांति पर गंगा सागर में मेला लगता है.
इस दिन भगवान विष्णु ने असुरों का अंत कर युद्ध समाप्ति को घोषणा की थी व सभी असुरों के सिरों को मंदार प्रवत में दबा दिया था. इस प्रकार यह दिन बुराईयों और नकारात्मकता को खत्म करने का दिन भी माना जाता है.
यशोदा जी ने जब कृष्ण जन्म के लिए व्रत किया था तब सूर्य देवता उत्तरायण काल में पदापर्ण कर रहे थे और उस दिन मकर संक्रांति थी | कहा जाता है तभी से मकर संक्रांति व्रत का प्रचलन हुआ.
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हिमांशु जी मकर संक्रांति14 jan को ही क्यों मनाया जाता हैं, हिन्दू calender के हिसाब से किसी तिथ ( जैसे :- द्वितीय, तृतीया) को क्यों नहीं। pls
जरुरी नही है की 14 जनवरी को ही मनाया जाये. जब सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है तो उसके हिसाब से देखकर तारिक तय की जाती हैं.
these informations are methodologically based and are not needed for classes under 8th. so i hope from next time i will be getting some logical facts.
एक तथ्य के अनुसार सूर्य देवता पहली बार अपने पुत्र शनि से मिलने उनके घर गए थे और शनि देव मकर राशि के स्वामी है, इसलिए इस दिन को मकर संक्रांति कहा जाता है.
दूसरे तथ्य की बात करे तो, माना जाता है कि पवित्र गंगा नदी का इसी दिन धरती पर अवतरण हुआ था, इसलिए भी मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है.
भीष्म पितामाह ने मकर संक्रांति के दिन ही स्वेच्छा से अपने शरीर का त्याग किया था और कहा जाता है कि उत्तरायण के दिन मृत्यु होने पर आपको दूसरा जन्म नहीं लेना पड़ता और पुनर्जन्म के चक्र से छुटकारा मिल जाता है.
इस जानकारी के लिए धन्यवाद 🙂