Ganesh chaturthi in hindi के इस आर्टिकल मै आज में आपको भगवान गणेश जी के जीवन से जुडी वो सारी रहस्यमय जानकारी बताऊंगा जिसको पढ़कर आप बहुत प्रसन्न होंगे और गणेश जी के प्रति आपका प्यार और आपकी निष्ठा सदा ही बनी रहेगी.
भगवान के इस आर्टिकल मैं, आज में आपको गणेश जी के जीवन से जुडी कथा, गणेश चतुर्थी के दिन व्रत में किन चीजो का ध्यान रखे, इस दिन क्या करे और क्या न करे अथवा गणेश मंत्र के बारे में बताऊंगा जिसका जाप करके गणेश चतुर्थी की पूजा विधि अच्छे से सम्पन्न हो सके.
श्री गणेश जी की सारी जानकारी प्राप्त करने के बाद हमको कमेंट करके जरुर बताये की आपको यह जानकारी कैसी लगी और अगर आपको यह जानकारी पसंद आई तो भगवान के इस आर्टिकल को आप सोशल मीडिया पर शेयर जरुर करें.
आईये प्यारे भक्तो Ganesh chaturthi in hindi की जानकारी को पढ़ना प्रारंभ करते है. 🙂 इसको भी पढ़े ⇒ गणेश चतुर्थी के दिन किन-किन बातो का ख़ास ध्यान रखना चाहिए
Information About Ganesh Chaturthi in Hindi Language
भगवान श्री गणेश के अनेक नाम है जैसे गजानन, विघ्नेश्वर, गोरी पुत्र आदि. हिन्दू धर्म में श्री गणेश अधिपति है और उन्हें अग्र-पूजा का मान है.
गणेश चतुर्थी का व्रत करने से घर – परिवार में आ रही विघ्न और विपदा का अंत हो जाता है| कई दिनों से रुके मांगलिक कार्य सम्पन्न होते है और भगवान श्री गणेश जी की असीम सुखो की प्राप्ति होती हैं.
इस दिन गणेश कथा पड़ने और सुनने का विशेष महत्व होता है. व्रत करने वालो को इस दिन यह कथा अवश्य पड़नी चाहिए तबी व्रत का सम्पूर्ण फल मिलता है.
पौराणिक गणेश कथा के अनुसार एक बार देवता कई विपदाओं से गिरे हुए थे तब वह मदद मांगने के लिए भगवान शिव के पास गए उस दिन शिवजी के साथ कार्तिक और गणेश जी भी बैठे थे.
देवताओं की बात सुनकर भगवान शिवजी ने कार्तिक और गणेश जी से पूछा तुम दोनों में से कौन देवताओ के कष्टों का निवारण कर सकता है| तब कार्तिके और गणेश जी दोनों ने ही इस कार्य के लिए अपने को सक्षम बताया.
इस पर शिव जी ने दोनों की परीक्षा लेते हुए कहा की तुम दोनों में से जो पहले पृथ्वी की परिक्रमा करके आयेगा वही देवताओं के साथ मदद के लिए जायेगा.
भगवान शिवजी के वचनों को सुनते ही कार्तिके अपने वाहन मोर पर बैठ कर पृथ्वी की परिक्रमा के लिए निकल गये| परन्तु गणेश जी सोच में पड़ गये कि वह चूहे के उपर चढ़ कर पृथ्वी की परिक्रमा करेंगे तो इस कार्य में उन्हें बहुत समय लग जायेगा.
तबी उन्हें एक उपाय सूजा और गणेश जी अपने स्थान से उठे और अपने माता-पिता की सात बार परिक्रमा करके वापस बैठ गये.
परिक्रमा करके आने पर कर्तिके स्वयं को विजेता बताने लगे. शिव जी ने गणेश जी से पृथ्वी की परिक्रमा करने का कारण पूछा तब गणेश जी ने कहा माता पिता के चरणों में ही समस्त लोक है.
यह सुनकर शिव जी ने गणेश जी को देवताओं के संकट को दूर करने की आज्ञा दी.
इस प्रकार भगवान शिव जी ने गणेश जी को आशिर्वाद दिया कि जो भी गणेश चतुर्थी के दिन तुम्हारी पूजा करेगा और रात्रि में चंद्रमा को अग्र देगा उसके तीनो ताप यानि दैहिक ताप, दैविक ताप और भौतिक ताप दूर होंगे.
इस व्रत को करने से व्रत धारी के सभी दुःख दूर होंगे और उसे जीवन के भौतिक सुखो की प्राप्ति होगी.
गणेश चतुर्थी के इस शुभ अवसर पर आज हम जानेगे की क्या करना चाहिए और क्या नहीं आइये जानते है.
गणेश चतुर्थी के उपाय (क्या करना चाहिए)
#1. भगवान श्री गणेश के पूजन में मोदक का भोग जरुर लगाना चाहिए. (जन्म से ही माता श्री गणेश को मोदक खिलाती थी जोकि श्रीगणेश को बहुत अधिक प्रिय है| इसलिए आप भी जब गणेश पूजन करे तो मोदक का भोग जरुर लगाये).
#2. गणेश जी को गेंदे का फुल बहुत अधिक प्रिय है इसलिए जब भी गणेश पूजन करे तो गेंदे के फुल का प्रयोग जरुर करे.
#3. एक समय दैत्य अन्लासुर के आतंक को दूर करने के लिए श्री गणेश ने अन्लासुर को निगल लिया और उसे अपने उदार में भस्म कर दिया| इससे श्री गणेश के उदर में बहुत अधिक अग्नि और असहनीय दर्द उत्पन्न हुआ इस पीड़ा को दूर करने के लिए कश्यप ऋषि ने दूर्वा की 21 गाठे औशिधि के रूप में श्री गणेश को दी और गणेश जी की उदर पीड़ा ठीक हो गई.
तब से गणेश जी को दूर्वा चढाई जाती है| इसलिए गणेश चतुर्थी पर आप भी गणेश जी को दूर्वा जरुर चड़ाए.
#4. शंख ध्वनी श्री गणेश को बहुत प्रसन्न करती है शंख ध्वनी से नकारात्मक उर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक उर्जा का प्रवाह होता है. इसलिए गणेश चतुर्थी के दिन गणेश पूजा करते समय शंख नाद जरुर करे.
#5. 5 प्रकार के फलो में केला जरुर चड़ाए| श्री गणेश को केला बहुत पसंद है.
गणेश चतुर्थी के टोटके (क्या ना करे)
#1. भाद्र पद शुक्ल चतुर्थी को चन्द्रमा के दर्शन नहीं करना चाहिए. चंद्रमा ने इस दिन श्री गणेश को देखकर उनका उपहास किया था जिसके चलते श्री गणेश जी ने चंद्रमा के अहंकार को तोड़ने के लिए उन्हें श्राप दिया और कहा की जो इंशान या जो व्यक्ति आज के दिन तुम्हे देखेगा उस पर झुटा आरोप लगेगा और वह निंदा का पात्र बनेगा.
#2. भगवान गणेश जी में पूरी दुनिया वाश करती है चाहे वह शुभ हो या अशुभ. भगवान गणेश के सामने खड़े होकर जब हम वंदना करते है तो हमे रिद्धि – सिद्धि, शुभ-लाभ और सभी आशीर्वाद प्राप्त होते है.
लेकिन पीठ दर्शन से हमे दरिद्रता प्राप्त होती है| क्योकि श्री गणेश जी की पीठ पर दरिद्रता का वाश रहता है| इसलिए कभी भी श्री गणेश के पीठ दर्शन नहीं करना चाहिए.
#3. भगवान श्री गणेश पर कभी भी तुलसी नहीं चड़ानी चाहिए इससे घोर विपदा अाती है और मान हानि होती है.
#4. घर के मंदिर में गणेश जी की खड़ी हुई कोई मूर्ति नहीं रखनी चाहिए और जहाँ मूर्ति रखे वहाँ बिना आसन के नहीं रखे इससे घर पर घोर संकट अाता है.
#5. गणेश जी की मूर्ति कभी भी घर में विसम संख्या में नहीं रखना चाहिए| इससे घर का नाश हो जाता है. उदाहरण 1, 3 और 5. गणेश जी की मूर्ति सदैव घर में सम संख्या में होनी चाहिए उदाहरन 2, 4 और 6.
इस गणेश चतुर्थी पर इन खास बातो का जरुर ध्यान रखे और गणपति बाप्पा का पूजन दिल लगाकर करे. गणपति बाप्पा आप सभी के विघ्नों का नाश करे और अपनी कृपा आप सभी पर बनाये रखे. आज के लिए बस इतना ही, आपका जीवन शुखी व मंगलमय हो.
भगवान गणेश मंत्र और साधना इन हिंदी – Lord Ganesh Mantra in Hindi
कोई भी काम प्रारंभ करने से पहले गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए आप नीचे दिए गए मंत्र का जाप कर सकते हो:-
श्री गणेश मंत्र ऊँ वक्रतुण्ड़ महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा।।
भगवान श्री गणेश जी को प्रसन्न करने का एक मंत्र यह भी है:-
ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्।
नीचे दिए गये मंत्र का जाप करने से भगवान गणेश जी आपको बुद्धि प्रदान करेंगे:-
श्री गणेश बीज मंत्र ऊँ गं गणपतये नमः ।।
इस मंत्र का जाप करने से आपको सिद्धि की प्राप्ति होगी:-
एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
अगर आपके उपर मंगल भारी है और आपको विघ्नों का नाश करना है तो आप इस मंत्र का जाप अवश्य करें:-
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित्।
वैसे तो पूजा के समय आप निम्न मंत्रों का उपचारण कर सकते हो, पर इस गणेश पूजन मंत्र को आप भगवान गणेश को दीप दर्शन के समय बोल सकते हो:-
साज्यं च वर्तिसंयुक्तं वह्निना योजितं मया |
दीपं गृहाण देवेश त्रैलोक्यतिमिरापहम् |
भक्त्या दीपं प्रयच्छामि देवाय परमात्मने |
त्राहि मां निरयाद् घोरद्दीपज्योत
जब आप पूजा करो तो सिन्दूर अर्पण के दौरान आप इस मंत्र जा जाप करे:-
सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम् |
शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम् ||
अगर भगवान को पुष्प-माला ना चढ़ाए तो पूजा अधूरी रहती है इसलिए आप पुष्प-माला जरुर चढ़ाए और पुष्प-माला के समय आप इस मंत्र का जाप करें:-
माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो |
मयाहृतानि पुष्पाणि गृह्यन्तां पूजनाय भोः ||
जब आप गणपति की पूजा करो तो इस मंत्र का जाप करते समय गणेश जी का ध्यान करें:-
खर्व स्थूलतनुं गजेन्द्रवदनं लम्बोदरं सुन्दरं प्रस्यन्दन्मदगन्धलुब्धमधुपव्यालोलगण्डस्थलम |
दंताघातविदारितारिरूधिरैः सिन्दूरशोभाकरं वन्दे शलसुतासुतं गणपतिं सिद्धिप्रदं कामदम् ||
Ganesh Chaturthi in Hindi से मिलते-जुलते त्यौहार
- भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व
- लक्ष्मी जी की पूजा कैसे करे
- महाशिवरात्रि का महत्व एवम् पूजनविधि
- नवरात्र के नौ देवियों की रहस्मय जानकारी
- मकर संक्रांति के दिन भूलकर भी न करे ये 4 काम
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Ganpati bappa moriyaa….
nice information..
I would like to know that..chand ko ganesh chturthi ke din q nahi dekhna chahiye.. in detail
Best article on गणेश चतुर्थी. detailed information
Ganpati bappa moriyaa, agle baras tu jaldi aa
nice and detail inforamtion thanks
Nice and informational article, thanks for this post.
Games ji manikamna Puri karte he ?