देश भक्ति की भावना हर देशवासी के दिल में होनी आवश्यक है, आइए आज इस लेख के माध्यम से हम देश भक्ति कविता (Desh Bhakti Kavita) पढ़ते है और सभी भारतवासियों के लिए स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं शेयर करते हैं। यहां पर जितनी भी देश भक्ति पर आधारित कविता है वो किसी प्रसिद्ध कवी के द्वारा लिखी गई है, शायद आपने इन देश भक्ति पोएम को अपने स्कूल के दिनों में पढ़ा भी होगा।
हर देश के निवासी के दिल में उसके देश के प्रति प्रेम की भावना होती है, लेकिन हमारे भारत देश के निवासियों में यह भावना कूट कूट के भरी है और इसी तरह से यह हमारे देश को महान बनाता है। आप खुशनसीब है कि आपने भारत वर्ष में जन्म लिया है और आपको इस बात का गर्व भी होना चाहिए क्योंकि मैंने ऐसा सुना है कि भारत की पवित्र भूमि पर देवता भी जन्म लेने को तरसते है।
अगर आप भी एक देश भक्त इंसान है तो यकीनन ही आपके दिल में आपके देश के लिए बहुत प्रेम होगा और देश की आन, बान और शान के लिए आप अपने प्राणों को न्योछावर करने के लिए हमेशा तैयार रहते होंगे।
चलिए, आज स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर हम फिर से कुछ छोटी देशभक्ति कविताएँ को पढ़ते हैं।
देश भक्ति गीत: 👉 ए मेरे वतन के लोगों लिरिक्स
देश भक्ति कविता: मेरा देश महान है, मेरा भारत महान है
भारतीय तिरंगे का गीत हरी भरी धरती हो नीला आसमान रहे फहराता तिरँगा, चाँद तारों के समान रहे। त्याग शूर वीरता महानता का मंत्र है मेरा यह देश एक अभिनव गणतंत्र है शांति अमन चैन रहे, खुशहाली छाये बच्चों को बूढों को सबको हर्षाये हम सबके चेहरो पर फैली मुस्कान रहे फहराता तिरँगा चाँद तारों के समान रहे। - कमलेश कुमार दीवान
Short Desh Bhakti Poem in Hindi
देश भक्ति पर छोटी कविता प्यारा हिंदुस्तान है।
अमरपुरी से भी बढ़कर के जिसका गौरव-गान है- तीन लोक से न्यारा अपना प्यारा हिंदुस्तान है। गंगा, यमुना सरस्वती से सिंचित जो गत-क्लेश है। सजला, सफला, शस्य-श्यामला जिसकी धरा विशेष है। ज्ञान-रश्मि जिसने बिखेर कर किया विश्व-कल्याण है- सतत-सत्य-रत, धर्म-प्राण वह अपना भारत देश है। यहीं मिला आकार ‘ज्ञेय’ को मिली नई सौग़ात है- इसके ‘दर्शन’ का प्रकाश ही युग के लिए विहान है। वेदों के मंत्रों से गुंजित स्वर जिसका निर्भ्रांत है। प्रज्ञा की गरिमा से दीपित जग-जीवन अक्लांत है। अंधकार में डूबी संसृति को दी जिसने दृष्टि है- तपोभूमि वह जहाँ कर्म की सरिता बहती शांत है। इसकी संस्कृति शुभ्र, न आक्षेपों से धूमिल कभी हुई- अति उदात्त आदर्शों की निधियों से यह धनवान है।। योग-भोग के बीच बना संतुलन जहाँ निष्काम है। जिस धरती की आध्यात्मिकता, का शुचि रूप ललाम है। निस्पृह स्वर गीता-गायक के गूँज रहें अब भी जहाँ- कोटि-कोटि उस जन्मभूमि को श्रद्धावनत प्रणाम है। यहाँ नीति-निर्देशक तत्वों की सत्ता महनीय है- ऋषि-मुनियों का देश अमर यह भारतवर्ष महान है। क्षमा, दया, धृति के पोषण का इसी भूमि को श्रेय है। सात्विकता की मूर्ति मनोरम इसकी गाथा गेय है। बल-विक्रम का सिंधु कि जिसके चरणों पर है लोटता- स्वर्गादपि गरीयसी जननी अपराजिता अजेय है। समता, ममता और एकता का पावन उद्गम यह है देवोपम जन-जन है इसका हर पत्थर भगवान है। - डॉ. गणेशदत्त सारस्वत
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Short Desh Bhakti Kavita in Hindi For Class 1 To 12
जय जय प्यारा, जग से न्यारा, शोभित सारा, देश हमारा, जगत-मुकुट, जगदीश दुलारा जग-सौभाग्य सुदेश! जय जय प्यारा भारत देश। प्यारा देश, जय देशेश, जय अशेष, सदस्य विशेष, जहाँ न संभव अध का लेश, केवल पुण्य प्रवेश। जय जय प्यारा भारत देश। स्वर्गिक शीश-फूल पृथ्वी का, प्रेम मूल, प्रिय लोकत्रयी का, सुललित प्रकृति नटी का टीका ज्यों निशि का राकेश। जय जय प्यारा भारत देश। जय जय शुभ्र हिमाचल शृंगा कलरव-निरत कलोलिनी गंगा भानु प्रताप-चमत्कृत अंगा, तेज पुंज तपवेश। जय जय प्यारा भारत देश। जगमें कोटि-कोटि जुग जीवें, जीवन-सुलभ अमी-रस पीवे, सुखद वितान सुकृत का सीवे, रहे स्वतंत्र हमेश जय जय प्यारा भारत देश। - श्रीधर पाठक
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Desh Bhakti Poem in Hindi with Poet Name
आजादी का दीप
14 अगस्त की शाम लिखा मैने क्या आजादी का दीप जलेगा कभी जो जले थे कभी वो भी बुझ गए अगर सरकारें करती रहीं मक्कारी तो न सुधरेगी जनता की बदहाली ऐसे मे आजादी का दीप जलेगा कभी कब तक लुटेगी बेटी की आबरु क्या न मिलेंगी बेटी को आजादी ऐसे मे आजादी का दीप जलेगा कभी कब तक रहेगी अब बेरोजगारी क्या अब न मिटेगी गरीबी कभी ऐसे मे आजादी का दीप जलेगा कभी – राम राज कुशवाहा
Poem on Independence Day in Hindi by Rabindranath Tagore
(विपदाओं से रक्षा करो- यह न मेरी प्रार्थना)
विपदाओं से रक्षा करो – यह न मेरी प्रार्थना, यह करो : विपद् में न हो भय। दुख से व्यथित मन को मेरे भले न हो सांत्वना, यह करो : दुख पर मिले विजय। मिल सके न यदि सहारा, अपना बल न करे किनारा;- क्षति ही क्षति मिले जगत् में मिले केवल वंचना, मन में जगत् में न लगे क्षय। करो तुम्हीं त्राण मेरा- यह न मेरी प्रार्थना, तरण शक्ति रहे अनामय। भार भले कम न करो, भले न दो सांत्वना, यह करो : ढो सकूँ भार-वय। सिर नवाकर झेलूँगा सुख, पहचानूँगा तुम्हारा मुख, मगर दुख-निशा में सारा जग करे जब वंचना, यह करो : तुममें न हो संशय। –रबिन्द्रनाथ टैगोर–
देश भक्ति गीत कविता: Desh Bhakti Kavita in Hindi for Kids
आज जीत की रात पहरुए! सावधान रहना खुले देश के द्वार अचल दीपक समान रहना २ प्रथम चरण है नये स्वर्ग का है मंज़िल का छोर इस जन-मंथन से उठ आई पहली रत्न-हिलोर अभी शेष है पूरी होना जीवन-मुक्ता-डोर क्यों कि नहीं मिट पाई दुख की विगत साँवली कोर ले युग की पतवार बने अंबुधि समान रहना। ३ विषम शृंखलाएँ टूटी हैं खुली समस्त दिशाएँ आज प्रभंजन बनकर चलतीं युग-बंदिनी हवाएँ प्रश्नचिह्न बन खड़ी हो गयीं यह सिमटी सीमाएँ आज पुराने सिंहासन की टूट रही प्रतिमाएँ उठता है तूफान, इंदु! तुम दीप्तिमान रहना। ४ ऊंची हुई मशाल हमारी आगे कठिन डगर है शत्रु हट गया, लेकिन उसकी छायाओं का डर है शोषण से है मृत समाज कमज़ोर हमारा घर है किन्तु आ रहा नई ज़िन्दगी यह विश्वास अमर है जन-गंगा में ज्वार, लहर तुम प्रवहमान रहना पहरुए! सावधान रहना।। - गिरिजाकुमार माथुर
Desh Bhakti Kavita in Hindi | Patriotic Poems in Hindi | देश भक्ति कविता
अहद (साग़र निज़ामी)
जब तिलाई रंग सिक्कों को जब मेरी गै़रत को दौलत से लड़ाया जाएगा, जब रंगे इफ़लास को मेरी दबाया जाएगा, ऐ वतन! उस वक़्त भी मैं तेरे नग़्मे गाऊंगा। और अपने पांव से अंबारे-ज़र ठुकराऊंगा! जब मुझे पेड़ों से उरियां करके बांधा जाएगा, गर्म आहन से मेरे होठों को दाग़ा जाएगा, जब दहकती आग पर मुझको लिटाया जाएगा, ऐ वतन! उस वक़्त भी मैं तेरे नग़्मे गाऊंगा। तेरे नग़्मे गाऊंगा और आग पर सो जाऊंगा! ऐ वतन! जब तुझ पे दुश्मन गोलियां बरसाएंगे, सुखऱ् बादल जब फ़ज़ाओं पे तेरी छा जाएंगे, जब समंदर आग के बुर्जों से टक्कर खाएंगे, ऐ वतन! उस वक़्त भी मैं तेरे नग़्मे गाऊंगा। तेग़ की झंकार बनकर मिस्ले तूफ़ां आऊंगा! गोलियां चारों तरफ़ से घेर लेंगी जब मुझे, और तनहा छोड़ देगा जब मेरा मरकब मुझे, और संगीनों पे चाहेंगे उठाना सब मुझे, ऐ वतन! उस वक़्त भी मैं तेरे नग़्मे गाऊंगा। मरते-मरते इक तमाशा-ए-वफ़ा बन जाऊंगा! खून से रंगीन हो जाएगी जब तेरी बहार, सामने होंगी मेरे जब सर्द लाशें बेशुमार, जब मेरे बाजू पे सर आकर गिरेंगे बार-बार, ऐ वतन! उस वक़्त भी मैं तेरे नग़्मे गाऊंगा। और दुश्मन की सफ़ों पर बिजलियां बरसाऊंगा! जब दरे-जिंदां खुलेगा बरमला मेरे लिए, इंतक़ामी जब सज़ा होगी रवा मेरे लिए, हर नफ़स जब होगा पैग़ामे क़ज़ा मेरे लिए, ऐ वतन! उस वक़्त भी मैं तेरे नग़्मे गाऊंगा। बादाकश हूं, ज़हर की तल्ख़ी से क्या घबराऊंगा! हुक्म आखि़र क़त्लगह में जब सुनाया जाएगा, जब मुझे फांसी के तख़्ते पर चढ़ाया जाएगा, जब यकायक तख़्ता-ए-ख़ूनी हटाया जाएगा। ऐ वतन! उस वक़्त भी मैं तेरे नग़्मे गाऊंगा। अहद करता हूं कि मैं तुझ पर फ़िदा हो जाऊंगा!
देशभक्ति कविता | देश भक्ति पर आधारित कविता | Patriotic Poem in Hindi by Famous Poets
नौजवान आओ रे, नौजवान गाओ रे ।। लो क़दम बढ़ाओ रे, लो क़दम मिलाओ रे ।। ऐ वतन के नौजवान, इक चमन के बागवान । एक साथ बढ़ चलो, मुश्किलों से लड़ चलो । इस महान देश को नया बनाओ रे ।। नौजवान... धर्म की दुहाइयाँ, प्रांत की जुदाइयाँ । भाषा की लड़ाइयाँ, पाट दो ये खाइयाँ । एक माँ के लाल, एक निशां उठाओ रे ।। नौजवान... एक बनो नेक बनो, ख़ुद की भाग्य रेखा बनो । सर्वोदय के तुम हो लाल, तुमसे यह जग निहाल । शांति के लिए जहाँ को तुम जगाओ रे ।। नौजवान... माँ निहारती तुम्हें, माँ पुकारती तुम्हें । श्रम के गीत गाते जाओ, हँसते मुस्कराते जाओ । कोटि कण्ठ एकता के गान गाओ रे ।। नौजवान...
देश भक्ति कविता हिंदी में | आज तिरंगा फहराता है | त्याग और बलिदान पर मोटिवेशनल कविता
आज तिरंगा फहराता है अपनी पूरी शान से। हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।। आज़ादी के लिए हमारी लंबी चली लड़ाई थी। लाखों लोगों ने प्राणों से कीमत बड़ी चुकाई थी।। व्यापारी बनकर आए और छल से हम पर राज किया। हमको आपस में लड़वाने की नीति अपनाई थी।। हमने अपना गौरव पाया, अपने स्वाभिमान से। हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।। गांधी, तिलक, सुभाष, जवाहर का प्यारा यह देश है। जियो और जीने दो का सबको देता संदेश है।। प्रहरी बनकर खड़ा हिमालय जिसके उत्तर द्वार पर। हिंद महासागर दक्षिण में इसके लिए विशेष है।। लगी गूँजने दसों दिशाएँ वीरों के यशगान से। हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।। हमें हमारी मातृभूमि से इतना मिला दुलार है। उसके आँचल की छैयाँ से छोटा ये संसार है।। हम न कभी हिंसा के आगे अपना शीश झुकाएँगे। सच पूछो तो पूरा विश्व हमारा ही परिवार है।। विश्वशांति की चली हवाएँ अपने हिंदुस्तान से। हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।। - सजीवन मयंक
मेरे प्यारे देशभक्तों, हम सब जानते है कि अंग्रेजों ने हमारे देश पर कई वर्षो तक राज किया था। फिर हमारे देश के बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों ने देश के लिए लड़कर अपनी जान की बाजी लगाकर, अपनी जान गंवाकर इस देश को आजाद कराया था। उन्होंने अपने खून से भारत देश को आजाद कराया था। अब ये हमारा धर्म है कि हम अपने राष्ट्र की रक्षा कर अपने देश को और आगे बढ़ाये और सदैव अपने मन में देश प्रेम की भावना को जीवित रखे।
सच्ची देशभक्ति क्या है?
सच्ची देशभक्ति हर नागरिक के खून में हो सकती है। यदि वह अपने देश के प्रति अच्छी भावना के साथ कार्य करें एवं जरूरत पड़ने पर वह बिना झिझक महसूस किए देश के लिए अपना सर्वस्व त्यागने के लिए तैयार रहें।
सच्चा देशभक्त कौन है?
एक सच्चा देशभक्त वह व्यक्ति होता है जो तन मन धन से देश की सेवा करें। एक सच्चे देशभक्त के लिए उसका देश ही सर्वोपरि होता है। अतः उसके द्वारा किए गया कार्य में देश का भला निहित होता है। जिससे देश का नुकसान हो वह ऐसे किसी भी कार्य को करने के बारे में सोचता तक नहीं।
सच्ची देशभक्ति के कई सारे उदाहरण हो सकते हैं। भारत की आजादी के लिए जिन वीर जवानों ने जान की बाजी लगा दी या जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना जीवन लगा दिया उन्हें एक सच्चा देशभक्त कहां जाता है।
एक सच्चा देशभक्त बॉर्डर पर रह कर देश के लिए लड़ सकता है वही देश के अंदर रहने वाले नागरिक भी अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन कर सच्ची देशभक्ति कर सकते हैं।
राष्ट्रवाद और देशप्रेम में क्या अंतर है?
राष्ट्रवाद को अंग्रेजी में Nationalism कहा जाता है, वहीं देश भक्ति या देश प्रेम को Patriotism कहा है। हालांकि इन दोनों के बीच का अंतर काफी अलग है।
राष्ट्रवादी विचारधारा को हम स्वार्थी एवं महत्वकांक्षी कह सकते है। क्योंकि इस विचारधारा को अपनाने वाले लोगों के अंदर देश की फिक्र से पहले देश के आसन के प्रति निष्ठा होती है, उनका मकसद शत्रु पर आक्रमण करके अपने राष्ट्र का विस्तार करना एवं उस की बर्बादी चाहना होता है। राष्ट्रवादी व्यक्ति की नजर में देश पहले होता है एवं देश की जनता बाद में। वह मानता है कि राष्ट्र से ही उस देश के नागरिक हैं।
वही बात करें देश प्रेमी कि तो कहां जाता है देश प्रेमी होना एक प्राकृतिक एहसास है। आप जिस देश में पैदा हुए है उस देश की संस्कृति, उसकी मिट्टी वहां के लोगों से आपका लगाव होता है। यह लगाव कुछ इस तरीके का हो सकता है जैसे आप अपने गांव से उसी तरह प्रेम करते हो जैसे आप अपने परिवार से करते हैं। यह प्रेम कभी भी किसी दूसरे गांव के खिलाफ नहीं हो सकता। यह ऐसा प्रेम है जिसमें यदि आप अपने गांव से बाहर भी चले जाते है तो आपको अपने लगाव की वजह से गांव कि याद आती रहेगी।
देश प्रेमी सदैव अपने देश के लोगों से वहां की संस्कृति से स्नेह करता है। इसलिए एक देश भक्त एवं राष्ट्रवादी दोनों विचार धाराएं बिल्कुल अलग अलग हैं। आशा है अब आप इन दोनों के बीच के अंतर को समझ चुके होंगे।।
हम अपने देश को महान कैसे बना सकते हैं?
- 👉 एक नागरिक के तौर पर हम यदि अपने राष्ट्र के लिए अच्छे कार्य करें, भले ही छोटे हो परंतु नियमित तौर पर अच्छे कार्य करते रहे तो हम अपने देश को महान बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
- 👉 एक नागरिक के तौर पर यदि हम देश की कानून व्यवस्था का पालन करते है एवं खुद के दिए गए अधिकारों के साथ-साथ दूसरे के अधिकारों का भी सम्मान करते है, देश में फैली सामाजिक बुराइयों, कुरीतियों को खत्म करने के लिए यदि हम अपनी आवाज उठाते है और सामाजिक बुराइयां जैसे नशा, चोरी, मर्डर, रेप ऐसी आपराधिक क्रियाएं को यदि रोकने की दिशा में हम काम करते है तो इससे देश प्रगति की राह पर चलेगा।
- 👉 दूसरों की सहायता करके देश में करोड़ों ऐसे लोग है जो आज भी दो वक्त का खाना पेट भर नहीं खा पाते है। तो उन लोगों को यदि हम शिक्षा, भोजन इत्यादि देकर उनका सहयोग करे और उन्हें शिक्षित करके इस काबिल बनाए जिससे वे भी योग्य नागरिक बन सके। तो यह हमारा सबसे बेहतरीन कार्य होगा हमारे देश के लिए।
- 👉 स्वच्छता जीवन के लिए बेहद आवश्यक है। इसलिए न सिर्फ अपने घर में बल्कि आस-पड़ोस अपने समाज में जहां पर भी गंदगी को मिटाने के लिए यदि हम प्रयास करते है तो हमारा समाज साफ सुथरा होगा।
साथियों इस तरीके के अनेक कार्य है जिनसे हमारे समाज में, हमारे देश में एक सकारात्मक परिवर्तन आए। तो उन्हीं से हम अपने देश को महान बना सकते है। यह सभी छोटी-छोटी बातें है परंतु यदि हम उनका नियमित रूप से जिम्मेदारी से पालन करते है तो हमारा देश 1 दिन महान अवश्य बनेगा।
देशभक्ति फिल्मों के नाम: The 10 best films made on Patriotism in Hindi
- Rang De Basanti
- Lakshya
- The Legend of Bhagat Singh
- 23rd March 1931: Shaheed
- Mangal Pandey: The Rising
- Parmanu: The Story of Pokhran
- Tirangaa
- Prahaar: The Final Attack
- Airlift
- India’s Most Wanted
देश भक्ति का जज़्बा जगाने वाले Top 10 भारतीय देश भक्ति गीत
- Sandese Aate Hai Border – 1997
- Mera Rang De Basanti Chola Shaheed – 2002
- Aye Watan Tere Liye Karma – 1986
- Aisa Des Hai Mera Veer – Zaara
- Mere desh Ki Dharti Upkar – 1967
- Ae Mere Pyare Watan Kabuliwala
- Tiranga Hamra Desh Ke
- Kandhon Se Milte Hain Kandhe Zinda Spirit of India – 2013
- Hai Preet Jahan Ki Reet
- Zindagi Maut Na Ban Jaaye Sarfarosh – 1999
अब मेरा देश भक्ति कविता (Desh Bhakti Kavita) का यह लेख यही पर समाप्त हो रहा है, आशा है आपको हिंदी कविता पसंद आई होगी और आप इस गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर कविता को जरूर पढेंगे और अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर भी करेंगे। इस लेख को अंत तक पढ़ने के लिए आपका “धन्यवाद”
भारत का गणतंत्र दिवस
- गणतंत्र दिवस पर भाषण – (देशभक्ति स्पीच)
- गणतंत्र दिवस पर देश भक्ति शेरो शायरी
- भारतीय गणतंत्र दिवस – 26 जनवरी पर निबंध और महत्व
- 6 ऐसी बाते जो 26 जनवरी को बनाती है खास
- गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें सन्देश
- गणतंत्रता दिवस पर देशभक्ति फोटो
- 26 जनवरी गणतंत्र दिवस (रिपब्लिक डे) पर हिंदी भाषण
भारत का स्वतंत्रता दिवस ⇓
- भारत का स्वतंत्रता दिवस – 15 अगस्त पर निबंध और महत्व
- Best Speech on Independence Day in Hindi
- Independence Day Speech in Hindi for School Students
- 15 August Speech in Hindi for Teacher
- सभी छात्रों और अध्यापको के लिए 15 अगस्त पर देशभक्ति हिंदी भाषण
Nice keep it up!
Very NIC