भारत एक सांस्कृतिक और परम्परिक देश है, जिसमे हर त्यौहार बहुत ही धार्मिक तरीके से और उल्लास के साथ मनाया जाता है, चलिए हम एक मुख्य त्यौहार होली (होली पर निबंध) के बारे में चर्चा करते हैं.
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दिवाली की तरह होली भी हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, यह त्यौहार रंगों के त्यौहार के नाम से भी चर्चित है| होली हमारे लिये सांस्कृतिक और पारंपरिक उत्सव है जिसे हम सभी बेहद खुशी के साथ मनाते है.
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होली पर निबंध – Essay on Holi in Hindi Language
होली रंगों का एक प्रसिद्ध त्यौहार है जो हर साल फागुन के महीने में भारत के लोगों द्वारा बड़ी खुशी के साथ मनाया जाता है. इंग्लिश कैलेंडर के हिसाब से यह मार्च के माह में मनाया जाता है.
ये ढेर सारी मस्ती और खिलवाड़ का त्यौहार है खास तौर से बच्चों के लिये क्यूंकि वो होली के एक हफ्ते पहले और बाद तक रंगों की मस्ती में डूबे रहते है.
होली कब मनाई जाती है ?
हिन्दु धर्म के लोगों द्वारा इसे पूरे भारतवर्ष में मार्च के महीने में मनाया जाता है खासतौर से उत्तर भारत में यह त्यौहार ज्यादा प्रसिद्ध है.
Holi Date 2018 : | Thursday, 1 March |
हर त्यौहार मनाने के पीछे एक ख़ास वजह होती है उसी तरह सालों से भारत में होली मनाने के पीछे कई सारी कहानीयाँ और पौराणिक कथाएं चर्चित हैं.
इस उत्सव का अपना महत्व है, हिन्दु मान्यतों के अनुसार होली का पर्व बहुत समय पहले प्राचीन काल से मनाया जा रहा है.
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होली क्यों मनाया जाता है ? (कारण जानिए)
बहुत समय पहले की बात है, एक राजा था हिरण्यकश्यप जिसका पुत्र प्रह्लाद था और वो उसको मारना चाहता था क्योंकि वो उसकी पूजा के बजाय भगवान विष्णु की भक्ती करता था.
जब होलिका अपने भाई के पुत्र (प्रहलाद) को मारने के लिये आग में लेकर बैठी और खुद ही जल गई| उस समय इसी वजह से हिरण्यकश्यप ने होलिका को प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर आग में बैठने को कहा जिसमें भक्त प्रह्लाद तो बच गये लेकिन होलिका मारी गई.
तब प्रहलाद के पिता जी की वो योजना भी असफल हो गई, क्योंकि वो भगवान विष्णु का भक्त था इसलिये प्रभु ने उसकी रक्षा की|
षड़यंत्र में होलिका की मृत्यु हुई और प्रह्लाद बच गया। उसी समय से हिन्दु धर्म के लोग इस त्यौहार को मना रहे है.
तभी से रंगों के इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है.
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होली के बारे में जानकारी
होली से ठीक एक दिन पहले होलिका दहन होता है जिसमें लकड़ी, घास और गाय के गोबर से बने ढ़ेर में इंसान अपने आप की बुराई भी इस आग में जलाता है.
होलिका दहन के दौरान सभी इसके चारों ओर घूमकर अपने अच्छे स्वास्थय और यश की कामना करते है साथ ही अपने सभी बुराई को इसमें भस्म करते है.
इस पर्व में ऐसी मान्यता भी है कि सरसों से शरीर पर मसाज करने पर उसके सारे रोग और बुराई दूर हो जाती है साथ ही साल भर तक सेहत दुरुस्त रहती है.
होलिका दहन की अगली सुबह के बाद, लोग रंग-बिरंगी होली को एक साथ मनाने के लिये एक जगह इकठ्ठा हो जाते है.
होली का महत्व – होली पर निबंध
इस त्यौहार की तैयारी इसके आने से एक हफ्ते पहले ही शुरु हो जाती है, फिर क्या बच्चे और क्या बड़े सभी बेसब्री से इसका इंतजार करते है और इसके लिये ढ़ेर सारी खरीदारी करते.
यहाँ तक कि वो एक हफ्ते पहले से ही अपने दोस्तों, पड़ोसियों और प्रियजनों के साथ पिचकारी और रंग भरे गुब्बारों से खेलना शुरु कर देते| इस दिन लोग एक-दूसरे के घर जाकर रंग गुलाल लगाते साथ ही मजेदार पकवानों का आनंद लेते.
उत्तरी भारत में होली के खास मौके पर एक पकवान बहुत चर्चित है, जो की आपको हर घर में खाने को ज़रूर मिलेगा और उसका नाम है ⇒ गुजिया|
अगर आप भी इस होली पर अपने घर आये मेहमानों का गुजिया से मुह मीठा करना चाहते हैं तो आप इस लिंक पर क्लिक करके गुजिया की रेसिपी जान सकते हैं.
अब होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार बन चूका है, की जिसे हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं.
प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन खोलकर भाई-चारे का संदेश देता है| इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले शिकवे भूल कर गले लगते हैं और एक दूजे को गुलाल और अबीर लगाते हैं.
काफी जगह कई लोग (ख़ास कर लड़के) होली के समय एक टोली बनाकर निकलते हैं उन्हें हुरियारे कहते हैं.
होली पर निबंध – Holi Essay in Hindi Language
मै आपको बता दूं की भारत में कुछ जगह की होली बहुत ही ज्यादा चर्चित है, आइये जानते हैं उन जगह के नाम-
- ब्रज की होली
- मथुरा की होली
- वृंदावन की होली
- बरसाने की होली
- काशी की होली
होली के दिन बहुत ज्यादा गाना बजाना भी होता है, लडकिया लड़के सब एक साथ मिल के नाचते गाते हैं और अपनी ख़ुशी जाहिर करते हैं.
दोस्तों सब अपनी जगह बिलकुल सही है, त्यौहार है मनाइए लेकिन मेरी ये गुजारिस है आप सभी लोगो से की पानी ज्यादा बर्द्बाद ना करे.
आजकल बाजार में अच्छी क्वॉलिटी के रंगों का प्रयोग नहीं होता और त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले रंगों से होली खेली जाती हैं.
यह सरासर गलत है, इस मनभावन त्योहार पर रासायनिक लेप व नशे आदि से भी दूर रहना चाहिए.
बच्चों को भी सावधानी रखनी चाहिए, बच्चों को बड़ों की निगरानी में ही होली खेलना चाहिए.
दूर से गुब्बारे फेंकने से आंखों में घाव भी हो सकता है, रंगों को भी आंखों और अन्य अंदरूनी अंगों में जाने से रोकना चाहिए.
यह मस्ती भरा पर्व मिलजुल कर मनाना चाहिए, ख़ुशी से और सब एक साथ मिल के अपनी दोस्ती को बरकरार रखते हुए मिल जुल के होली खेलिए.
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दोस्तों मेरा आज का होली पर निबंध का यह लेख यही समाप्त होता है, आशा है आपको इस लेख में बहुत जानकारी मिली होगी.
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हिन्दु धर्म के लोगों द्वारा इसे पूरे भारतवर्ष में मार्च के महीने में मनाया जाता है खासतौर से उत्तर भारत में यह त्यौहार ज्यादा प्रसिद्ध है.
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